केरल पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सबरीमाला में भगवान अयप्पा के भक्तों की भावनाओं का दमन किया जा रहा है.
मीडिया बोल की 72वीं कड़ी में उर्मिलेश सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर वरिष्ठ पत्रकार एन. जीगीश और इस मामले में याचिकाकर्ता वकील भक्ति पसरीजा सेठी और सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन से चर्चा कर रहे हैं.
भगवान अयप्पा का दर्शन करने गईं दो महिलाओं को वापस लौटना पड़ा है. एक महिला पत्रकार और एक अन्य महिला ने भारी विरोध के चलते वापस लौटने का फैसला किया है.
सबरीमाला पहाड़ी से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात. मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सामाजिक सुधार की सभी पहलों को रूढ़िवादी तत्वों के विरोध का सामना करना पड़ता है. सरकार सबरीमाला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी. श्रद्धालुओं को रोकने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
केरल के कोल्लम में भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अभिनेता कोल्लम तुलसी ने कहा कि सबरीमाला में प्रवेश करने वाली महिलाओं के दो टुकड़े करके एक टुकड़ा दिल्ली भेज देना चाहिए और दूसरा मुख्यमंत्री कार्यालय में फेंक देना चाहिए.
15 राज्यों में लोकसभा की 27 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. इन 27 में से 16 सीटों पर राजग का क़ब्ज़ा था लेकिन उपचुनावों के बाद इसमें से 9 सीटों पर भाजपा और उनके सहयोगी दलों को हार मिली है, जबकि सात सीट बचाए रखने में वो कामयाब रहे हैं.
चार लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा के लिए सुखद नहीं रहे. विपक्ष ने 11 सीटें जीती, भाजपा और उसके सहयोगी तीन सीटों तक ही सीमित.
सरकार ने पेंशनधारियों की पहचान करने के लिए उनके अकाउंट को आधार से लिंक कराने का आदेश दिया था. तीन लाख लोगों ने इसका पालन नहीं किया, जिसके चलते पेंशन रोक दी गई है.
केरल में हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, हिंसा की छिटपुट घटनाएं दर्ज, बिहार भाजपा ने जनरक्षा मार्च निकाला.
जनरक्षा यात्रा के बीच केरल में कांग्रेस-भाजपा-माकपा में घमासान, कांग्रेस की हड़ताल के दौरान पथराव और हिंसा.
भाजपा ने कहा, देश के 70 प्रतिशत हिस्से एवं केंद्र में हमारी सरकार है, केरल में भी कमल को खिलने का अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने संविधान पीठ से पूछा, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना क्या संविधान के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है.
पिनाराई विजयन अब तक कट्टर पार्टी सचिव ही बने हुए हैं, एक संवेदनशील मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं. विभिन्न मौकों पर पुलिसिया दमन का पक्ष लेने पर कहा जा सकता है कि पुलिस का मनोबल बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है, लेकिन इससे जनता की नजर में उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचा है.