महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की घरों तक पहुंच सेवा पर रोक लगा दिया था. अदालत के हस्तक्षेप के बाद सरकार को अपने फैसले में संशोधन करना पड़ा था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले एक प्रदर्शन पर धारा 144 के तहत रोक लगाने वाले आदेश को रद्द करते हुए कहा कि देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता विरोध प्रदर्शनों के ज़रिये ही मिली थी.