यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में पूरे विश्व में निमोनिया से पांच वर्ष से कम उम्र के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हुई. इस सूची में नाईजीरिया पहले, भारत दूसरे और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है.
डॉ. मिरेकल के नाम से मशहूर डॉ. डेनिस मुकवेगे ने युद्ध प्रभावित कांगो गणराज्य में बलात्कार पीड़ित महिलाओं का तकरीबन दो दशक तक इलाज किया है. वहीं मुराद इराक की उन युवतियों में से एक हैं जो आतंकी संगठन आईएस की सेक्स स्लेव रहीं और आईएस के चंगुल से छूटने के बाद अपने जैसी महिलाओं के लिए काम किया.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक ने बताया कि भूख से जूझ रहे तकरीबन तीन करोड़ 20 लाख लोग चार संघर्षरत देशों- सोमालिया, यमन, दक्षिण सूडान और उत्तर पूर्व नाइजीरिया में रह रहे हैं.
पूरी दुनिया में खसरे की बीमारी से हर साल लगभग 90,000 बच्चों की जान चली जाती है, भारत नाइजीरिया के बाद दूसरे नंबर पर.