आज राष्ट्र को वास्तविक पिता की ज़रूरत है, मेरे जैसे सिर्फ नाम के पिता से काम नहीं चलने वाला है. आज बड़े-बड़े फ़ैसले हो रहे हैं. छप्पन इंच की छाती दिखानी पड़ रही है. ऐसा पिता जो पब्लिक को कभी थप्पड़ दिखाए तो कभी लॉलीपॉप, पर अपने तय किए रास्ते पर ही राष्ट्र को ठेलता जाए. मैं ऐसे राष्ट्रपिता की ज़रूरत कैसे पूरी कर सकता हूं?
अयोध्या के संबंध में श्रीश्री का यह दावा करना कि अगर अदालत हिंदुत्ववादियों की मांग को ख़ारिज करता है तो हिंदू हिंसा पर उतर आएंगे, इसके ज़रिये वह न केवल क़ानून के राज को चुनौती दे रहे थे बल्कि संवैधानिक सिद्धांतों पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे.
मोदी अगर सरदार पटेल को अपना नेता मानते हैं तो फिर उन्हें पटेल की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता पर अमल करते हुए हिंदू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने का आह्वान करने वाले सिरफिरे पर कार्रवाई करनी चाहिए.
हिमंत बिस्वा शर्मा के कैंसर संबंधी बयान पर पी चिदंबरम ने कहा पार्टी बदलने वाले के साथ यही होता है, वहीं सफाई देते हुए शर्मा ने कहा भगवान कृष्ण की मृत्यु भी उनके कर्मों के फलस्वरूप हुई थी.
माहौल का असर है या कुछ और कि श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में कोई भी गंभीरता से नहीें ले रहा. लेकिन श्री श्री का सौभाग्य कि वे मीडिया की भरपूर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं.