क़िस्सा दो मुक़दमों का: 1929 का मेरठ षड्यंत्र और दिल्ली दंगों की एफआईआर 59/2020

सीएए विरोधी प्रदर्शनों के लिए दर्ज एफआईआर में प्रदर्शनों को 'राष्ट्रविरोधी' और 'विश्वासघाती' बताना निष्पक्ष नहीं है. इसमें औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा चलाए जाने वाले मुक़दमों की गूंज सुनाई देती है.

हयात बलोच पाकिस्तान के बाहर मारा गया होता, तब शायद खुलकर मातम होता

बीते दिनों पाकिस्तान के तुरबत शहर में पाकिस्तानी सेना द्वारा कराची यूनिवर्सिटी के छात्र हयात बलोच को उनके माता-पिता के सामने गोली मार दी गई. इस बारे में पाकिस्तान के पत्रकार वुसतुल्लाह ख़ान का नज़रिया.