महाराष्ट्र के पश्चिमी विदर्भ की चार यवतमाल-वासिम, अकोला, बुलढाणा और अमरावती सीटों की स्थिति. महाराष्ट्र का यह वो क्षेत्र, जहां बुलेट ट्रेन की कोई चर्चा ही नहीं. नाराज काश्तकारों में किसान सम्मान योजना के प्रति भी ज़्यादा रुचि नहीं. भंवर जांगिड़ की रिपोर्ट.
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके 111 किसानों की योजना है कि वे अपना नामांकन दाखिल करेंगे और अघोरी साधुओं की वेषभूषा में मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी पर वादा नहीं पूरा करने का आरोप लगाते हुए किसान नेता अय्याकन्नु ने कहा कि हम चाहते हैं कि भाजपा अपने घोषणापत्र में हमारी मांगों को शामिल करे. अगर वे ऐसा करते हैं तो हम अपना फैसला वापस ले लेंगे.
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले के किसान का कहना है कि मुझ पर 35 लाख रुपये का क़र्ज़ है और अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मदद नहीं कर सकते तो कम से कम मुझे मरने की इज़ाज़त तो दे ही सकते हैं.
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2014-2018 के दौरान राज्य में हर दिन औसतन आठ किसानों ने आत्महत्या की.
भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.
पिछले साल अगस्त में केरल में आई बाढ़ के दौरान इडुकी और त्रिशूर ज़िले सबसे अधिक प्रभावित हुए थे. पिछले दो माह में इडुकी ज़िले में आठ जबकि त्रिशूर जिले में एक किसान ने आत्महत्या कर ली.
क्या अगले आम चुनाव में मोदी सरकार या महागठबंधन में से कोई नेता या दल अपने चुनावी घोषणा-पत्र में यह वादा कर सकता है कि वो देश की आम जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने की संवैधानिक जवाबदारी निभाने के लिए 2019 से देश के अरबपतियों और अमीरों पर उचित टैक्स लगाने का काम करेगा?
भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.
वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कहा कि सरकार टिकाऊ खेती के लिए पहल तो कर रही है लेकिन उसमें किसान केंद्र में नहीं है. स्थायी व्यवसाय के रूप में कृषि तभी बच सकती है जब किसानों को खुद को बचाए रखने का मौका दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में आगरा के किसान प्रदीप शर्मा ने फसल बीमा के संबंध में कृषि विभाग में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है. इससे पहले शर्मा ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी थी.
विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.
राजसमंद जिले के कांकरोली पीपली आचार्यान गांव में एक किसान लेहरुलाल कीर ने कथित रूप से फसल बर्बाद होने पर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने बताया कि बैंक से ऋण न मिलने पर मजबूरन साहूकार से कर्ज लेना पड़ा था, इसलिए सरकार की कर्ज माफी से हमें कोई फायदा नहीं.
सभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित नहीं की जाती है जिसकी वजह से टमाटर, प्याज और आलू जैसे उत्पादों की हालत बेहद ख़राब है.
महाराष्ट्र के किसान संजय साठे ने 750 किलो प्याज़ के महज़ 1,064 रुपये मिलने से नाराज़ होकर इसे मनीऑर्डर के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था. पीएमओ ने इसे लेने से इनकार करते हुए उन्हें डिजिटल माध्यम से पैसे भेजने को कहा है.