भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.
विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.
राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, किसानों के मुद्दे उठाने से रोक रही है. पंजाब में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पूर्व मुख्यमंत्री बादल के गृह ज़िले में.
राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में जनवरी से अब तक 907 किसानों ने क़र्ज़ और फ़सल ख़राब होने के चलते आत्महत्या कर ली.
बीते सात दिन ओडिशा के बरगढ़ जिले में किसान आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.
800 से ज़्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हुए. कीटनाशक कंपनी पर कार्रवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल.
दुनिया में सैकड़ों उदाहरण उपलब्ध हैं जहां महंगी रासायनिक खाद व कीटनाशकों के बिना अच्छी कृषि उत्पादकता प्राप्त की गई है.