केंद्र ने पिछले छह वर्ष के दौरान किसी भी कृषि ऋण माफ़ी की घोषणा नहीं की है: कृषि मंत्री

लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि केंद्र नहीं बल्कि राज्य अपने संसाधनों से अपनी स्वयं की आवश्यकता के अनुसार कृषि ऋण माफ़ी योजनाओं की घोषणा करते हैं.

11 राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराए 11.5 लाख से अधिक किसानों से दाल-तिलहन की ख़रीदी नहीं हुई

द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केंद्र की पीएसएस योजना के तहत दालें एवं तिलहन की ख़रीद के लिए 25.79 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सरकारों ने इसमें से 14.20 लाख किसानों से ही उनकी उपज की ख़रीददारी की है.

केंद्र ने लक्ष्य का सिर्फ़ 50 फ़ीसदी दाल-तिलहन ख़रीदा, नौ राज्यों में बिल्कुल भी ख़रीदी नहीं हुई

द वायर द्वारा सूचना का अधिकार क़ानून के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने रबी-2020 ख़रीद सीज़न में 20 राज्यों से कुल 58.71 लाख टन दालें और तिलहन ख़रीदने का लक्ष्य रखा था, हालांकि इसमें से सिर्फ़ 29.25 लाख टन उपज की ख़रीदी हो पाई है.

फसलों का उचित दाम दिलाने वाली योजना का बजट बढ़ाने की हुई थी मांग, वित्त मंत्रालय ने नकारा

द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कृषि मंत्रालय ने कहा था कि चूंकि पीएम-किसान योजना के तहत पूरी राशि ख़र्च नहीं हो पा रही है, इसलिए जो राशि बच गई है उसे अन्य योजनाओं के इस्तेमाल में लाया जा सकता है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया था.

फसलों के उचित दाम देने वाली योजना के बजट में बड़ी कटौती, 2019-20 के लिए भी फंड घटा

मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कृषि योजनाओं को लॉन्च किया था. हालांकि इनके लागू होने की खराब स्थिति के चलते सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन योजनाओं के आवंटित बजट में बड़ी कटौती की है.

सत्यापन किए बिना 500 करोड़ रुपये की कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई: कैग

कैग ने इस बात को लेकर चेताया है कि अगर बिना सत्यापन के कृषि आय के तहत टैक्स छूट दी जाती रहेगी तो इसकी आड़ में बेहिसाब काला धन आने की आशंका है.

पीएम किसान योजना: हर किसान को छह हज़ार रुपये सालाना देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में सभी किसानों को शामिल करने को मंत्रिमंडल की मंज़ूरी. योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.

50 किसानों के बाद, तीन तेलुगू कार्यकर्ता भी मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव

कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे इसलिए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं ताकि फ्लोरोसिस से प्रभावित उनके ज़िले पर राष्ट्रव्यापी चर्चा हो और लोगों का इस पर ध्यान जाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे जस्टिस कर्णन

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले जस्टिस सीएस कर्णन को जून 2017 में सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने की जेल की सज़ा काटनी पड़ी थी. वाराणसी के साथ उन्होंने मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए भी अपना नामांकन दाख़िल किया है.

मोदी के खिलाफ़ 111 किसान: भाजपा ने उनकी मांगों को घोषणापत्र में शामिल करने का किया वादा

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके 111 किसानों की योजना है कि वे अपना नामांकन दाखिल करेंगे और अघोरी साधुओं की वेषभूषा में मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे.

नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे तमिलनाडु के 111 किसान

प्रधानमंत्री मोदी पर वादा नहीं पूरा करने का आरोप लगाते हुए किसान नेता अय्याकन्नु ने कहा कि हम चाहते हैं कि भाजपा अपने घोषणापत्र में हमारी मांगों को शामिल करे. अगर वे ऐसा करते हैं तो हम अपना फैसला वापस ले लेंगे.

आंकड़े बताते हैं कि खेती में आमदनी दोगुनी करने का नारा जुमला ही रहने वाला है

2015-16 से तीन साल तक 10.4 प्रतिशत की दर से प्रगति करने पर ही हम कृषि क्षेत्र में दोगुनी आमदनी के लक्ष्य को पा सकते थे. इस वक़्त यह 2.9 प्रतिशत है. मतलब साफ है लक्ष्य तो छोड़िए, लक्षण भी नज़र नहीं आ रहे हैं. अब भी अगर इसे हासिल करना होगा तो बाकी के चार साल में 15 प्रतिशत की विकास दर हासिल करनी होगी जो कि मौजूदा लक्षण के हिसाब से असंभव है.

मोदी सरकार का यू-टर्न, नई रिपोर्ट में कहा- नोटबंदी का किसानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा

कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.