साल 2012 में भारत ने इटली के दो नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था. न्याय क्षेत्र के विवाद को लेकर इटली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत चला गया था, जिसने दोनों इतालवी नौसैनिकों पर हत्या का मुक़दमा चलाने की भारत की दलील को ख़ारिज कर दिया था. हालांकि, अदालत ने कहा था कि भारत इस मामले में मुआवज़ा पाने का हक़दार है.
चुनाव अधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल 12 या 60 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच या 25 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
पश्चिम बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी के इस दावे को ख़ारिज किया कि अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आई तो एनआरसी लागू करेगी. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एनआरसी लाने की कोई योजना नहीं है, पर सीएए ज़रूर लागू होगा.
सोने तस्करी मामले के दो प्रमुख आरोपियों ने आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी के अधिकारियों ने उन्हें केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया गया. यह न्यायिक जांच इन्हीं आरोपों की जांच के लिए है. हालांकि ईडी ने इन आरोपों का खंडन किया है.
केरल सरकार ने पुलिस अधिनियम को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें धारा 118 ए जोड़ने का फैसला किया था. इसके तहत अगर कोई शख़्स सोशल मीडिया के ज़रिये कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करता है तो उसके ख़िलाफ़ 10 हज़ार रुपये का जुर्माना या तीन साल की क़ैद या दोनों का प्रावधान किया गया था.
राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने केरल पुलिस अधिनियम में नई धारा 118(ए) जोड़ने के प्रावधान को मंज़ूरी दे दी है, जिसके तहत अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर तीन साल की क़ैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सज़ा हो सकती है.
इससे पहले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की सरकारों ने अपने राज्य में सीबीआई को जांच के लिए दी गई आम सहमति को रद्द कर दिया था.
बीते दिनों महाराष्ट्र द्वारा ऐसा फ़ैसला लिए जाने के बाद केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार ने भी ऐसा इरादा जताया है. यदि ऐसा होता है तो सीबीआई को राज्य में किसी मामले की जांच के लिए पहले केरल सरकार की अनुमति लेनी होगी.
केरल सरकार ने कहा है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. इसी साल 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुरम सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी.
मामला उत्तर केरल के मलप्पुरम ज़िले का है. 20 वर्षीय गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया था. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है.
श्रमिक संगठनों ने ने संयुक्त बयान में कहा है कि एक ही कारोबार इकाई को हवाई अड्डों का ठेका देने से एकाधिकार बढ़ेगा. इस साल अब तक 12 हवाई अड्डों के निजीकरण के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार मुहर लग चुकी है. इनमें से अधिकांश हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को दिया गया है.
बीते 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुर सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी. केरल सरकार ने 20 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में इस फैसले का विरोध किया और हाईकोर्ट में केंद्र को फैसले को चुनौती दी है.
केरल भाजपा ने मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के सीपीआईएम नेतृत्व वाली सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह क़दम हिंदुओं की भावनाओं को आहत करेगा. वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने कहा है कि सरकार की नज़र श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में चढ़ाए गए पैसे पर है.
घटना मलप्पुरम के वलान्चेरी की है. पुलिस के अनुसार एक दिहाड़ी मज़दूर की यह 14 वर्षीय बेटी दसवीं में पढ़ती थी. सोमवार से राज्य में स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हुई थीं, घर में टीवी या स्मार्टफोन न होने के चलते वह इसमें हिस्सा न ले पाने के चलते परेशान थी.
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य अपनी स्थानीय स्थितियों के अनुसार और कड़े क़दम उठा सकते हैं, लेकिन लॉकडाउन के नियमों को कमज़ोर या हल्का नहीं कर सकते.