जस्टिस अरुण मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के सबसे प्रभावशाली जज बनने की कहानी

भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूर्व सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी को बनाया स्वतंत्र निदेशक

पिछले साल सीबीआई में पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के साथ कई अन्य मामलों के कारण पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी का चार साल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा था.

आलोक वर्मा मामले में घिरे सीवीसी केवी चौधरी पर पहले भी कई गंभीर सवाल उठ चुके हैं

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर सहारा-बिड़ला डायरी, नीरा राडिया केस, शराब व्यापारी पोंटी चड्ढा को टैक्स फायदा पहुंचाने, मोईन कुरैशी रिश्वत मामला, पोंजी स्कीम जैसे कई बड़े मामलों में सवाल उठ चुके हैं.

राकेश अस्थाना के प्रदर्शन पर की गई टिप्पणी को वापस लेने के लिए आलोक वर्मा से मिले थे सीवीसी

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में रिकॉर्ड की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा था.

अस्थाना, सुशील मोदी और पीएमओ लालू के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने का दबाव बना रहे थे: सीबीआई निदेशक

बेस्ट ऑफ 2018: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को भेजे अपने जवाब में आरोप लगाया है कि आईआरसीटीसी घोटाले की जांच के समय राकेश अस्थाना, बिहार के उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के लगातार संपर्क में थे और पर्याप्त साक्ष्य न होने के बावजूद लालू यादव के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने की जल्दबाज़ी में थे.

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को भेजे जवाब में मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं

द वायर एक्सक्लूसिव: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बड़े अधिकारी के इशारे पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर पक्षपात और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है.

भाजपा सरकार में उद्योगपति निखिल मर्चेंट के ‘अच्छे दिन’ आ गए हैं

जहां बाकी कॉरपोरेट खिलाड़ी सिर्फ सुर्खियों में रहते हैं, वहीं सही मायनों में 'अच्छे दिन' एक अनाम-सी फर्म स्वान एनर्जी के प्रमोटर के आए हैं, जिनके साथ कारोबार करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां तैयार खड़ी हैं.

सुनें: देश की न्यायपालिका से प्रशांत भूषण के कुछ ज़रूरी सवाल

बिड़ला-सहारा डायरी केस और कालिखो पुल सुसाइड मामले में न्यायपालिका पर सवाल उठाता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के लेख का आॅडियो.

इससे पहले कि बिड़ला-सहारा डायरी केस हमेशा के लिए दफ़न हो जाए, ये सवाल पूछे जाने बेहद ज़रूरी हैं

वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.