देश जब कोविड- 19 से जूझ रहा है तब ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई है, पर कंपनियों का आदिवासी इलाकों में प्रवेश कब बंद किया जाएगा?
साक्षात्कार: कोंध समुदाय से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नाचिका लिंगा चासी मुलिया आदिवासी संंघ के नेता हैं और लंबे समय से ओडिशा में नशामुक्ति, ज़मीन अधिकार और आदिवासियों को बंधुआ मज़दूर बनाए जाने के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. उनसे जसिंता केरकेट्टा की बातचीत.
इससे पहले ओडिशा के कोरापुट में एक आदिवासी लड़की ने कथित बलात्कार के बाद आत्महत्या कर ली थी.