रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के ही रहवासियों का इलाज करेंगे. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे पलटते हुए प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि रहवासी होने के आधार पर किसी भी मरीज़ को इलाज के लिए मना न किया जाए.
वीडियो: कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से कई व्यापार ठप पड़ गए हैं. इनमें ऑटो और कैब ड्राइवर भी शामिल हैं. लॉकडाउन के कारणा उन्हें हुईं परेशानियों को लेकर याक़ूत अली ने उनसे बातचीत की.
वीडियो: दिल्ली के मौजपुर इलाके में रहने वाले आशीष जैन के परिवार में उनके पिता और भाई कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन उनकी जांच करवाने के लिए आशीष को दिल्ली के कई अस्पतालों में भटकना पड़ा. हाल ये है कि टेस्टिंग किट की कमी, अस्पतालों की अव्यवस्था और सही जानकारी तक उपलब्ध न कराने जैसी कई दिक्कतों का सामना लोग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के उपचार के लिए होना चाहिए.
दिल्ली में कोविड मरीज़ों को बेड न मिलने की बढ़ती शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अस्पताल में बेड्स की कोई कमी नहीं है. अब से अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता पर नज़र रखने के लिए दिल्ली सरकार हर निजी अस्पताल में एक चिकित्सा पेशेवर को तैनात करेगी.
शाहदरा के नंद नगरी के रहने वाले 80 साल के याचिकाकर्ता की ओर से तीन जून की सुबह दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन याचिका दायर करने के कुछ ही घंटों के भीतर उनकी मौत हो गई.
दिल्ली में बढ़ते कोरोना मरीज़ों की संख्या के बीच अस्पतालों में बेड्स की अनुपलब्धता का मुद्दा लगातार सामने आ रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध बेड्स और वेंटिलेटर की जानकारी के लिए ऐप लॉन्च किए जाने और समुचित बेड्स होने के दावे के बीच लगातार कोविड मरीज़ और उनके परिजन अस्पताल दर अस्पताल भटकने को मजबूर हैं.
गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एंड एक्शन और संभावना ट्रस्ट ने भोपाल में अब तक हुई कुल मौतों में से 36 की जानकारी निकाली है, जिसमें सामने आया है कि इनमें से बत्तीस गैस पीड़ित हैं. संगठनों का दावा है कि गैस जनित दुष्प्रभावों के चलते कोरोना का पीड़ितों पर गंभीर असर हो रहा है. इसके बावजूद सरकार इनके लिए आवश्यक क़दम उठाने में कोताही बरत रही है.
देश में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से 147 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 3,867 हो गई है, वहीं संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 131,868 हो चुके हैं.
बीएमसी का कहना है कि धारावी में कोरोना संक्रमित इन 75 फीसदी लोगों की उम्र 21 से 60 साल के बीच है. 20 मई तक धारावी में कोरोना के 1,360 मामले दर्ज हुए. इनमें से 525 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि 56 लोगों की मौत चुकी है.
चीन में कोरोना वायरस के आधिकारिक आंकड़े 84,031 है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 85,940 हो गया है. संक्रमण के मामलों में भारत दुनिया में 11वें स्थान पर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आए हैं, जो एक दिन की सर्वाधिक संख्या है और संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 67,152 हो गए हैं.
दिल्ली सरकार ने गुरुवार रात तक राज्य में कोरोना वायरस से 66 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन लोकनायक अस्पताल, राम मनोहिर लोहिया, लेडी हार्डिंग और एम्स के दिल्ली एवं झज्जर के कोविड सेंटर्स के आंकड़ों के अनुसार उनके यहां कुल 116 मौतें हुई हैं.