नए अध्यादेश के तहत हरियाणा स्थित निजी तौर पर प्रबंधित कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, फर्मों आदि में 50,000 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन वाली नौकरियों के मामले में 75 फ़ीसदी रोज़गार स्थानीय लोगों को मुहैया कराया जाएगा.
केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?