केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वायरस के क़रीब 15 फीसदी मरीज़ ही गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और करीब पांच फीसदी की हालत बेहद नाज़ुक हो जाती है.
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर का कहना है कि ऐसे मामलों की पहचान करना मुश्किल है, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखते हों और सभी लोगों का टेस्ट कर पाना संभव नहीं है.