गुजरात में वर्ष 2002 से 2006 के बीच कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में तीन लोगों मार दिए गए थे. पीड़ित परिवारों के वकील ने कहा कि जस्टिस बेदी आयोग की रिपोर्ट यह बताती है कि किन पुलिसकर्मियों ने पीड़ितों की हत्या की लेकिन उनके आकाओं, जो आईपीएस अधिकारी और भाजपा नेता हो सकते हैं उनके बारे में कुछ बात नहीं कहती.
जज बीएच लोया की मौत से जुड़ी याचिका वकील सतीश उके ने दायर की है. अपनी याचिका में उके ने आरोप लगाया है कि जज लोया को रेडियोएक्टिव आइसोटोप्स का इस्तेमाल करके जहर दिया गया था.
साल 2007 में पत्रकार बीजी वर्गीज और गीतकार जावेद अख्तर ने याचिका दायर कर गुजरात में 22 कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच की मांग की थी. उस समय नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे.
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि उसने गुजरात सरकार से मुकदमा चलाने के लिए इजाजत मांगी थी लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
राज्य सरकार ने 2004 में इशरत जहां मुठभेड़ मामले में ज़मानत पर बाहर आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल को प्रमोशन देते हुए उन्हें पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के पद पर नियुक्त किया है.
सोहराबुद्दीन हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आधार चश्मदीद गवाह थे, जो अपने बयान से मुकर गए. नवंबर 2017 से शुरू हुई सुनवाई में 210 गवाहों की जांच की गई, जिनमें से 92 अपने बयान से पलट गए.
'अगर आप एक नेता हैं और आपकी नज़रों के सामने बड़ी संख्या में लोगों का क़त्ल किया जाता है, तब आप लोगों की ज़िंदगी बचा पाने में नाकाम रहने की जवाबदेही से मुकर नहीं सकते.'
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जय नारायण व्यास ने नवनियुक्त रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से बैंक का प्रमुख एक योग्य अर्थशास्त्री होना चाहिए.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने टाटा पावर, अडाणी पावर और एस्सार पावर को आयातित कोयले की ऊंची लागत का भार स्थानांतरित करने के लिए किसी तरह के क्षतिपूरक शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में एक वकील सतीश ऊके द्वारा सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत की जांच के संबंध में याचिका दर्ज करवाई गई है.
क्या अमित शाह कभी सोचते होंगे कि हरेन पांड्या की हत्या और सोहराबुद्दीन-कौसर बी-तुलसीराम एनकाउंटर की ख़बर ज़िंदा कैसे हो जाती है? अमित शाह जब प्रेस के सामने आते होंगे तो इस ख़बर से कौन भागता होगा? अमित शाह या प्रेस?
नागपुर के एक वकील सतीश ऊके ने सीबीआई जज बीएच लोया की मौत को संदिग्ध बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर कर कहा है कि जज लोया को ज़हर दिया गया था और इससे संबंधित सभी दस्तावेज मिटा दिए गए हैं.
तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस के मुख्य जांच अधिकारी संदीप तमगड़े ने सीबीआई कोर्ट को बताया कि अमित शाह और डीजी वंजारा, दिनेश एमएन और राजकुमार पांडियन जैसे आईपीएस अधिकारी इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे.
सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में पूर्व मुख्य जांच अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने बताया कि अमित शाह को इस मामले में 70 लाख का भुगतान किया गया था. पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी (उदयपुर) दिनेश एमएन, पूर्व एसपी (अहमदाबाद) राजकुमार पांडियन और पूर्व डीसीपी (अहमदाबाद) अभय चूड़ास्मा को भी फायदा हुआ था.
विशेष रिपोर्ट: किसी ज़माने में वड़ोदरा के कारोबारी समुदाय के बीच चर्चा के केंद्र रहे संदेसरा भाइयों को करीब 5,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ का विलफुल डिफॉल्टर माना जा रहा है, साथ ही उन्हें सरकार द्वारा आर्थिक भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया है. हालिया सीबीआई विवाद में एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के स्टर्लिंग बायोटेक के मालिकों से नज़दीकी की बात सामने आई है.