रविवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर जदयू की सदस्यता लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वे आगामी चुनाव लड़ने या न लड़ने के बारे में निर्णय नहीं ले सकते. दल फ़ैसला करेगा कि वह किस तरह से उनकी सेवा लेना चाहता है.
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में पहली बार वीआरएस लिया था और तब चर्चा थी कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. अब विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले उनके दोबारा वीआरएस लेने के निर्णय को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से जोड़कर देखा जा रहा है.
वैशाली के एसपी एमएस ढिल्लन ने हाजीपुर के एसएचओ को इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. आरोप है कि इन अधिकारियों ने जिले से तबादला होने के सालों बाद भी लंबित मामले अन्य अधिकारियों को नहीं सौंपे थे.