हत्या के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति की सज़ा बरक़रार रखते हुए कहा-पत्नी कोई संपत्ति नहीं

दिसंबर 2013 में संतोष अख़्तर नाम के शख़्स ने चाय न बनाने पर अपनी पत्नी पर हथौड़े से हमला कर दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. अदालत ने कहा कि सामाजिक स्थितियों के कारण महिलाएं स्वयं को अपने पतियों को सौंप देती हैं, इसलिए इस प्रकार के मामलों में पुरुष स्वयं को श्रेष्ठतर और अपनी पत्नियों को ग़ुलाम समझने लगते हैं.