सरकार ने नहीं बढ़ाया गन्ने का न्यूनतम मूल्य, किसानों को 275 रुपये प्रति क्विंटल ही मिलेगा दाम

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में विपणन वर्ष 2019-20 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य को यथावत रखने का फैसला किया गया. यह वह भाव है जो मिल मालिक किसानों को देते हैं.

चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 18,958 करोड़ रुपये का बकाया, सबसे ज्यादा यूपी में

सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 11,082 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है.

उत्तर प्रदेश: पूर्वांचल के गन्ना किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही है सरकार?

उत्तर प्रदेश में अब भी गन्ना किसानों का 10,626 करोड़ रुपये बकाया है और जून के महीने में भी गन्ने की फसल खेतों में खड़ी है. उत्तर प्रदेश में 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में गन्ना किसानों की समस्याओं को भाजपा ने प्रमुखता से उठाया था, लेकिन केंद्र और प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी उनकी समस्याएं हल नहीं हो सकी हैं.

चुनाव के मौसम में ताजा हो उठा उत्तर प्रदेश की समूची गन्ना पट्टी के किसानों का दर्द

देश के चीनी के कटोरे के नाम से मशहूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बागपत और कैराना इलाका चुनाव प्रचार के इस मौसम में पोस्टरों, झंडों, रैलियों से पटा पड़ा है. लेकिन इस चुनाव ने कई किसानों के घाव हरे कर दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 10,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया

गन्ना किसानों का 10,074.98 करोड़ रुपये में से 4,547.97 करोड़ रुपये यानी 45 फीसदी से अधिक उत्तर प्रदेश के सिर्फ छह निर्वाचन क्षेत्रों मेरठ, बागपत, कैराना, मुज़फ़्फ़रनगर, बिजनौर और सहारनपुर की मीलों पर बकाया है.