सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए गैर सरकारी संगठन लॉयर्स कलेक्टिव को एक नोटिस जारी किया.
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर ने कहा कि सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता के पक्ष में बोलने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
यौन उत्पीड़न के मामलों में सबसे आवश्यक माना जाता है कि अगर आरोपी किसी संस्था में निर्णयकारी स्थिति में है, तो वहां से उसे हटाया जाए. पिछले दिनों ऐसे कितने ही प्रसंग हमारे सामने आए जिनमें संस्था के प्रमुखों को कार्य से मुक्त किया गया. निष्पक्षता की यह पहली शर्त मानी जाती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जुड़े इस विशेष मामले में ऐसा नहीं हुआ.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख के ख़िलाफ़ अपुष्ट आरोपों का समर्थन कर चीफ जस्टिस की संस्था को अस्थिर करने का प्रयास करने वाले ऐसे लोगों का काम रूकावटें खड़ी करना है.