एडीआर ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के 230 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा, राकांपा, भाकपा, जदयू, राजद, रालोद समेत कई दलों द्वारा अब तक उनके चुनावी ख़र्च की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की व्यय सीमा में संशोधन के लिए अक्टूबर में गठित एक समिति को मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और ख़र्च मुद्रास्फीति सूचकांक बढ़ने के मद्देनज़र लोकसभा और विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों के लिए ख़र्च की सीमा में संशोधन के विषय पर गौर करने का ज़िम्मा सौंपा है.
पंजाब के गुरदासपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार सनी देओल का चुनाव खर्च 78,51,592 रुपये पाया गया, जो लोकसभा चुनाव के लिए तय खर्च सीमा 70 लाख रुपये से 8.51 लाख रुपये अधिक है.
पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सनी देओल ने गुरप्रीत सिंह पलहेरी को अपना प्रतिनिधि घोषित किया है. क्षेत्र के कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा बोले, यह मतदाताओं के साथ धोखा है. लोगों ने देओल को अपना सांसद चुना है, न कि उनके प्रतिनिधि को.
ज़िला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार गुरदासपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद सनी देओल का चुनावी ख़र्च प्रारंभिक गणना में निर्धारित सीमा 70 लाख रुपये से अधिक पाया गया है, जिसके चलते उन्हें ख़र्च का ब्योरा देने को कहा गया है.
चुनावी ख़र्च पर आई सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 20 सालों में 1998 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनावों में हुआ व्यय छह गुना बढ़ा. इस साल के आम चुनाव में औसतन प्रत्येक लोकसभा सीट पर लगभग 100 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ के सर्वे के मुताबिक राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा इस विधानसभा चुनाव में क़रीब 11 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च किये गए हैं, जो पिछले चुनावी ख़र्च का दोगुना है.