अगर सीबीआई और इसके वकील हाईकोर्ट में नेताओं और कारोबारियों के बीच सांठगांठ को साबित करने में नाकाम रहते हैं, तो 2019 के आम चुनाव में भाजपा को कुछ गंभीर सवालों का सामना करना पड़ेगा.
ऐसा लगता है कि मोदी के लिए भ्रष्टाचार भी बस एक और ‘जुमला’ था क्योंकि भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार के लिए जिन्हें निशाना बनाया गया, वे न सिर्फ जीवित हैं, बल्कि उसके नेतृत्व में फल-फूल भी रहे हैं.