गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.
गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के क़ानून पहले से ही प्रभावी हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में डरा-धमकाकर और उपहारों के ज़रिये अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के सामूहिक धर्मांतरण, काले जादू, अंधविश्वास को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत द्वारा इस पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया गया.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
मामला बरेली ज़िले का है, जहां एक जनवरी को 24 साल की एक महिला पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के आरोप में तीन मुस्लिम युवकों पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस का कहना है कि जांच में तीनों युवकों पर लगाए गए आरोप ग़लत पाए गए हैं.