पत्रकार जमाल ख़शोगी की दो अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. वह अमेरिका के वैध स्थायी निवासी थे और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार में लेख लिखते थे और क्राउन प्रिंस की नीतिओं के कटु आलोचक थे.
साल 2018 में पत्रकार जमाल ख़शोगी की इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. मामले में वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे.
अक्टूबर 2018 में द वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल ख़शोगी की तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों में से पांच को फांसी और तीन को 24 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व शीर्ष सलाहकार सहित तीन आरोपियों को दोषमुक्त क़रार दिया गया है.
तुर्की की ओर से कहा गया है कि जमाल ख़शोगी हत्याकांड के प्रति आंखें मूंदना चाह रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. जमाल ख़शोगी की बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी.
बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाख़िल होने के बाद से जमाल ख़शोगी लापता हो गए थे. दूतावास में ही उनकी हत्या कर दी गई थी. द वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह तय है कि सऊदी अरब के शहज़ादे के बिना जानकारी या संलिप्तता के यह नहीं हुआ.
पिछले दो अक्टूबर से लापता थे द वॉशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी. आख़िरी बार तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में देखा गया था. पत्रकार की मौत होने की आशंका से सऊदी अरब लगातार कर रहा था इनकार.
द वॉशिंगटन पोस्ट सहित कई मीडिया इकाइयों के लिए लिखने वाले पत्रकार जमाल ख़शोगी की हत्या होने की आशंका. दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाख़िल होने के बाद से लापता हैं.