टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पारा को शनिवार को अदालत ने ज़मानत देते हुए कहा था कि उन पर लगाए आरोपों का कोई अर्थ नहीं है. इसी दिन उनकी रिहाई के फौरन बाद पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने एक अन्य मामले में उन्हें हिरासत में ले लिया.
टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए गए पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पारा को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों का कोई अर्थ नहीं है. उनका नाम न आरोपियों में है, न ही चार्जशीट में लेकिन उनकी जांच की जा रही है.
पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीद पर्रा को टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किए जाने समेत अन्य मामलों में विभिन्न एजेंसियों की जांच पर पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एक भी मामला साबित होने पर वे परिणाम भुगतने को तैयार हैं.
जम्मू कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने एक जनवरी को कृषि विभाग में भर्ती के लिए आवेदन मंगाया था. कश्मीर में 136 और जम्मू में 20 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. कृषि स्नातकों ने केंद्र शासित राज्य प्रशासन पर जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में पदों की संख्या को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया था.
जम्मू कश्मीर: डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिलने के बाद कारोबारी की हत्या, आतंकियों ने दी और हमलों की चेतावनी
मूल रूप से पंजाब के रहने वाले श्रीनगर के 70 वर्षीय कारोबारी सतपाल निश्चल को कुछ हफ्ते पहले नए नियमों के तहत डोमिसाइल प्रमाणपत्र मिला था. एक आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने उन पर हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा है कि डोमिसाइल प्रमाणपत्र हासिल करने वाले ऐसे सभी बाहरी आरएसएस एजेंट्स हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्ज़े को बहाल नहीं किया जाता है, तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें हिरासत में लेना चाहती है तो सीधे उनके पास आए, लेकिन परिवार के सदस्यों, दोस्तों और पार्टी के सहयोगियों को परेशान करना बंद कर दे.
रोशनी क़ानून निरस्त करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिकाएं सुनने से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो समानांतर कार्यवाही नहीं चल सकतीं. सभी याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार करने वाली पीठ के पास जाना चाहिए और उच्च न्यायालय को इन सभी को सुनना चाहिए.
साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार सरकारी ज़मीन पर काबिज़ लोगों को उसका मालिकाना हक़ दिलाने के लिए रोशनी क़ानून लेकर आई थी. साल 2014 में कैग ने इसे 25 हज़ार करोड़ का घोटाला क़रार दिया. अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.
जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के तहत शनिवार को लगभग 52 फीसदी वोटिंग हुईं. भाजपा ने उर्दू में जारी अपने घोषणा-पत्र में केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए 100 फ़ीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करने का श्रेय लेने का भी दावा किया है.
गृह सचिव अजय भल्ला ने लोकसभा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार सुरक्षा के आधार पर कोई भी दस्तावेज़ सार्वजनिक करने से इनकार कर सकती है. कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने टेलीकॉम सेवाएं/इंटरनेट पर पाबंदी को लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों से देने को कहा था.
पहलगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ़ अहमद वानी ने बताया कि एक पारिवारिक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें दुबई की फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर नेताओं की विदेश यात्रा पर लगे प्रतिबंध की दुर्भाग्य से केंद्रशासित प्रशासन द्वारा समीक्षा नहीं की गई थी, मगर अब की जा रही है.
जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे. ये चुनाव पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्त होने के बाद यहां पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है. हालांकि कश्मीर के मुख्य दलों ने अब तक यह घोषणा नहीं की है कि वे इस चुनाव में भाग लेंगे या नहीं.
विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के ज़मीन मालिकाना अधिकार से संबंधित नियमों में बदलाव किया है, जिसके बाद देशभर से अब कोई भी यहां जमीन ख़रीद सकता है. केंद्र के इस क़दम का विरोध हो रहा है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को दरगाह हज़रतबल जाकर नमाज़ अदा करने के लिए घर से निकलने नहीं दिया गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने प्रशासन के इस क़दम की निंदा करते हुए इसे अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है.
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम की धारा 17 से ‘राज्य का स्थायी नागरिक’ वाक्यांश हटा लिया है. यह धारा केंद्र शासित प्रदेश में ज़मीन के निस्तारण से संबंधित है और नया संशोधन बाहर के लोगों को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में ज़मीन खरीदने का अधिकार देने का रास्ता खोलता है.