अदालत ने कहा कि हम क़ैदियों के सुधार और पुनर्वास के दौर में आ गए हैं. पुलिस एवं जेल प्रशासन की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है, इसी आधार पर उनकी सोच का भी निर्माण होता है, इसलिए पुलिस अधिकारी को जेल का काम नहीं सौंपा जा सकता.
क़ैदी ने बताया कि नवरात्रि में उसे जबरन भूखा रखा गया और धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनाने की धमकी भी दी गई.