इन 11 लोगों को बाबरी मस्जिद गिराए जाने का बदला लेने की साज़िश रचने और आतंकी प्रशिक्षण हासिल करने के लिए वर्ष 1994 में टाडा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
मुंबई में 12 मार्च, 1993 को 12 स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे जिनमे 257 व्यक्ति मारे गए थे और 718 अन्य जख़्मी हो गए थे.