दिवाली को लेकर बनाए गए तनिष्क़ के इस विज्ञापन में पटाखे न जलाने की बात कहीं गई थी, जिस पर सोशल मीडिया पर एक धड़े की भावनाएं आहत हो गईं. इन लोगों ने हिंदुओं के त्योहारों को कैसे मनाया जाए इस पर ज्ञान न देने की सलाह दी. विवाद के बाद कंपनी के ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पेज से इसे हटा लिया गया है.
जहां टाटा हिंदू बहू और मुस्लिम सास के प्रेम का सामना करने से डर गया, वहीं बशीर चूड़ीवाले अपने शहर की हिंदू बहू-बेटियों के प्रति अपने स्नेह के लिए आज भी आम लोगों की स्मृति में ज़िंदा हैं.
तनिष्क का विज्ञापन इस बात का संकेत है कि सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता की भारतीय भावना जीवित है. यह समय अपने खोल में छिपने और सिर झुकाकर चलने की जगह भारत के असली मूल्यों को दिखाने वाले विज्ञापन और फिल्में बनाने और धर्मांधों को यह दिखाने का है कि नफ़रत का उनका प्रोपगेंडा कामयाब नहीं होगा.
तनिष्क के आभूषण उस विज्ञापन के बावजूद बिकते रहेंगे. टाटा को इसका अंदाज़ा है कि उनके ख़रीददारों में बहुसंख्या उनकी है जो उनकी दुकानों पर हमला करने नहीं आएंगे, लेकिन इससे भी ज़्यादा उन्हें ये मालूम है कि उनके ग्राहकों का मौन समर्थन हुल्लड़बाज़ों को है. उनके दिल-दिमाग का लफंगीकरण हो चुका है.
वीडियो: अंतर धार्मिक विवाह पर आधारित एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क़ ने इसे वापस ले लिया है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
तनिष्क़ के एकत्वम श्रेणी के ज्वेलरी के विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू के लिए पारंपरिक हिंदू गोदभराई की रस्म की तैयारियां कर रहा है. विज्ञापन आने के बाद ट्विटर पर कुछ लोग इसे लव जिहाद बताते हुए #BoycottTanishq ट्रेंड कराने लगे, जिसके बाद तनिष्क़ ने इस विज्ञापन का हटा लिया है.