वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले पर पूर्व डीजीपी एनसी अस्थाना और पत्रकार मीना कोटवाल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
हाथरस ज़िले की 19 साल की दलित युवती की कथित बलात्कार और बर्बरतापूर्वक मारपीट के बाद हुई मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है.
आज फिर एक लड़की के साथ वही हुआ, जो तुम्हारे साथ हुआ, शायद उससे भी भयावह. ऐसा लगातार इसलिए हो रहा है क्योंकि गैंगरेप करने वालों को किसी भी क़ानून, किसी भी सरकार या किसी भी प्रशासन का डर नहीं रह गया है.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के बाद बलात्कार किया था. परिजनों का कहना है कि मंगलवार देर रात पुलिस ने उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं, पुलिस ने इससे इनकार किया है.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया था. उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई थी. उनकी जीभ काट दी गई थी और रीढ़ की हड्डी में चोट पहुंची थी. अलीगढ़ में क़रीब 10 दिन इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल लाया गया था.
कच्छ ज़िले के एक कार्यकर्ता और वकील देवजी माहेश्वरी की बीते शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार ब्राह्मणवाद की आलोचना पर उनकी फेसबुक पोस्ट के कारण आरोपी ने उन्हें कई बार धमकाया था. मामले में नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें से पांच को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की घटना. आरोप है कि 14 सितंबर को 19 साल की दलित लड़की से सवर्ण जाति के चार युवकों ने गैंगरेप किया. उसके बाद पीड़िता की जीभ काट दी गई. पीड़िता की रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई हैं. फिलहाल वह वेंटिलेटर पर हैं.
मामला जालना ज़िले का है. परिजनों का दावा है कि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद के कारण 4 सितंबर को दो भाइयों, 22 वर्षीय राहुल बोराडे और 25 वर्षीय प्रदीप बोराडे की अनुसूचित जनजाति के पचास से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
बीते 14 अगस्त को आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अनुसूचित जाति से आने वाले प्रधान के परिजनों का आरोप है कि गांव के कथित ऊंची जाति के लोगों ने ऐसा यह संदेश देने के लिए किया कि आगे कोई दलित निर्भीकता से खड़ा न हो सके.
मामला आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बासगांव का है. घटना के बाद तरवां इंस्पेक्टर और स्थानीय चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही कर उनकी संपत्ति ज़ब्त करते हुए एनएसए लगाने का निर्देश दिया है.
मामला गांधीनगर ज़िले की मानसा तालुका के एक गांव का है. 55 वर्षीय महिला का कहना है कि आरोपी ने उनके घर में घुसकर जातिसूचक गालियां दीं और फिर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की.
मामला आगरा के काकरपुर गांव का है. नट समुदाय की एक महिला की 19 जुलाई को मौत हो गई थी. उनके दाह संस्कार के समय गांव के सवर्णों ने श्मशान भूमि को किसी और द्वारा प्रयोग न करने देने की बात कहते हुए इसे रोक दिया और महिला के परिवार को चार किलोमीटर दूर दलितों के लिए बनी जगह पर शव जलाने को कहा.
घटना टोंक ज़िले के डांगरथल गांव की है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि दलित होने की वजह से दुकानदार ने उसके बाल काटने से इनकार किया और जातिसूचक गालियां देते हुए अपनी दुकान से निकाल दिया. इसके बाद गांव के अन्य दुकानदारों ने भी उनके बाल काटने से इनकार कर दिया. इस बारे में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने एक लेखपाल के खिलाफ एक दलित युवती का कथित रूप से अपहरण कर उसके साथ चलती जीप में बलात्कार करने का मामला दर्ज किया है.
घटना भोजपुर ज़िले के तरारी थाना क्षेत्र के सारा गांव की है. पुलिस के मुताबिक गांव के प्रभावशाली जातियों के कुछ लोग महिलाओं से छेड़छाड़ के इरादे से मुसहर टोली में घुसे थे. विरोध होने पर उन्होंने फायरिंग की, जिसमें एक साल की बच्ची समेत छह लोग घायल हो गए हैं.