दिल्ली कोर्ट ने कहा कि केस के तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, किसी हिंसा में शामिल नहीं थे.
गिरफ़्तार की गईं दोनों कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएं हैं. पिंजरा तोड़ संगठन की ओर से कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बीते कुछ महीनों में कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. हम इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं.
इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के 24 वर्षीय छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया और सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
बीते फरवरी महीने में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
वीडियो: उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस ने उमर ख़ालिद समेत जामिया के छात्रों पर यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से चर्चा कर रही है द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
छात्रों पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और दंगे करने का भी मामला दर्ज किया गया है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 23 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने संसद में कहा था कि इस हिंसा में 52 जानें गई हैं.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे को लेकर पुलिस पर उठ रहे सवालों को लेकर द वायर ने सूचना का अधिकार के तहत कई आवेदन दायर कर इस दौरान पुलिस द्वारा लिए गए फैसले और उनके द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी थी.
सफूरा ज़रगर जामिया मिलिया इस्लामिया में एमफिल की छात्रा हैं और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की सदस्य हैं. दिल्ली पुलिस के अनुसार वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा थीं, जहां बीती फरवरी में सड़क बंद कर देने के बाद दंगे शुरू हुए थे.
वीडियो: बीते फरवरी में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की वजह से शिव विहार के कई परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा था. ये राहत कैंप में रह रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते ये कैंप खाली करा दिए गए हैं. अब इन परिवारों को वापस शिव विहार लौटना पड़ा है.
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत करने की पूर्व न्यायाधीशों और विपक्षी दलों ने आलोचना की है. ऐसा भी कहा गया कि उन्हें सरकार को फायदा पहुंचाने के एवज में यह पद मिला है. इस बारे में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
बीते फरवरी महीने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
दंगा प्रभावित लोगों के लिए आम जनता की तरफ से किए जा रहे सभी प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. दंगे में अपना सब कुछ खो चुके निर्दोष लोगों को सरकार की तरफ से सम्मानजनक मदद मिलनी चाहिए थी न कि उन्हें समाज के दान पर निर्भर रहना पड़े.
दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जान-माल के नुकसान के अलावा बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ बदसलूकी की घटनाएं हुई हैं, लेकिन ये ख़ौफ़ज़दा पीड़ित पुलिस में शिकायत दर्ज कराना तो दूर इसके बारे में बात करने से भी कतरा रही हैं.
जस्टिस मुरलीधर ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों से पहले भाजपा कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में केस दर्ज करने से विफल रहने को लेकर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी. इसके अगले दिन 26 फरवरी की रात को केंद्र सरकार ने उनका तबादला आदेश जारी कर दिया था.