केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जलाशयों, जीवित पक्षी बाज़ारों, मुर्गीपालन केंद्रों और चिड़ियाघरों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही मृत पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफ़नाने और मुर्गीपालन केद्रों में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया गया है.