बृहस्पतिवार को सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की फ़ीस माफ़ी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की गई है. याचिका में अनुरोध किया गया है कि या तो सीबीएसई को फ़ीस माफ़ करने का निर्देश दिया जाए या फिर केंद्र को पीएम केयर्स फंड से इस राशि का भुगतान करना चाहिए.
इस साल दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में सीबीएसई ने अगले साल के लिए परीक्षा रजिस्ट्रेशन शुल्क इकट्ठा करना शुरू कर दिया, जो दलित छात्रों के लिए औसतन 2,000 रुपये से अधिक है. पिछले साल दिल्ली सरकार ने यह शुल्क माफ कर दिया था, लेकिन इस साल सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ‘मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आपके बच्चों की उतनी ही परवाह करते हैं, जितनी आप करते हैं. जब तक हम निश्चित नहीं होंगे, तब तक हम स्कूल नहीं खोलेंगे. आपके बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’
वैशाली जिले के एक सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में बांटकर पढ़ाने का मामला सामने आया है. यहां पर अटेंडेंस रजिस्टर भी धर्म और जाति के आधार पर बनाया गया है.
जन गण मन की बात की 316वीं कड़ी में विनोद दुआ दिल्ली के एक स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग बैठाने और पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल के निधन पर चर्चा कर रहे हैं.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में बांटकर पढ़ाने का मामला सामने आया था. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी मामले में रिपोर्ट तलब की है.
राजनीति हमें लगातार बांट रही है. वह धर्म के नाम एकजुटता का हुंकार भरती है मगर उसका मक़सद वोट जुटाना होता है. एक किस्म की असुरक्षा पैदा करने के लिए यह सब किया जा रहा है. आप धर्म के नाम पर जब एकजुट होते हैं तो आप ख़ुद को संविधान से मिले अधिकारों से अलग करते हैं.
अभिभावकों का आरोप है कि दिल्ली के बल्लामारान स्थित राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल में बच्चों को सुबह 7:30 बजे से ही बेसमेंट में बंद रखा गया था. दोपहर 12:30 बजे उनके पहुंचने पर बच्चों को बाहर निकाला गया. बेसमेंट में न पंखा था, न हवा आने की जगह.