केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 90 से अधिक लोगों, अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने पत्र लिख कर कहा कि शारीरिक तौर पर अक्षम लड़कियों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं के काफी संख्या में दर्ज मामले होने के बावजूद एनसीआरबी इस तरह की हिंसा पर अलग से आंकड़े नहीं रखता है.
एक जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की गई थी कि कोविड-19 महामारी के दौर में विभिन्न खाद्य सुरक्षा तथा ग़रीबी उन्मूलन योजनाओं का लाभ विशेष रूप से सक्षम लोगों को भी दिया जाना चाहिए.
वीडियो: दिल्ली के बुराड़ी स्थित ‘विनायक दृष्टिहीन महिला कल्याण समाज’ नाम की संस्था दृष्टिबाधित लड़कियों के लिए एक हॉस्टल का संचालन करती है. देश के कई राज्यों की लड़कियां यहां रहकर विभिन्न कॉलेजों से पढ़ाई कर रही हैं. उनसे द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
ट्रेनों में यात्रा करने वाले अक्षम लोगों को समान अवसर देने के लिए रेलवे द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाराज़गी प्रकट की.