उन्मादी भीड़ के ख़िलाफ़ खड़े अकेले व्यक्ति ने ही इतिहास की धारा मोड़ी है…

समाज या विज्ञान को देखें, तो बार-बार इस बात से रूबरू होंगे कि चीज़ें इसीलिए बदल सकीं कि चंद लोगों ने पहले से चली आ रही गति की दिशा को लेकर प्रश्न किए और नतीजन वे अक्सर अकेले ही इस लड़ाई को लड़ते हुए दिखाई दिए.