वीडियो: दिल्ली के आरके पुरम थाने में एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई गई है जहां पर बच्चों को मुफ़्त में किताबें उपलब्ध करवाई जाती है. इसके अलावा वाईफाई की भी सुविधा दी जाती है ताकि बच्चों को पढ़ाई में किसी भी तरह की परेशानी न आए.
वीडियो: किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने और इसे आगे ले जाने की रणनीति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से विशाल जायसवाल की बातचीत.
वीडियो: मंत्रियो के एक समूह और 'सत्ता से सहमत' कुछ मीडियाकर्मियों की बैठकों की एक रिपोर्ट पर बीते दिनों काफी चर्चा हुई. इस बीच सरकार डिजिटल मीडिया मंचों के नियमन के नाम पर कुछ कड़े नियम ले आई. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी और द वायर के अजय आशीर्वाद से विस्तृत चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.
वीडियो: एक चुनाव पूर्व सर्वे में पता चला है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में आ सकती हैं. इस सर्वे पर भाजपा नेता शिशिर बजोरिया और अर्थशास्त्री प्रसेनजीत बोस से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
केंद्र के नए सोशल मीडिया नियमों के दायरे में ऑनलाइन समाचार प्रकाशक भी हैं. द वायर और द न्यूज़ मिनट की संस्थापक धन्या राजेंद्रन द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि ये नियम डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, जो इसके मूल सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के विपरीत है.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल सफ़ूरा ज़रगर को यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ये गिरफ़्तारी उस वक़्त हुई थी जब वह गर्भवती थीं. इसे लेकर उनकी गिरफ़्तार पर सवाल खड़े हुए. सफ़ूरा ज़रगर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: एक रिसर्च से खुलासा हुआ है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में मुस्लिम छात्रों को प्री प्राइमरी स्तर पर दाखिले के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. महज़ तीन प्रतिशत मुस्लिम छात्रों को ही स्कूल में दाखिला मिल पा रहा है. इस विषय पर रिसर्च करने वाली जन्नत फातिमा फारूकी से मुकुल सिंह चौहान की बातचीत.
वीडियो: जितेंद्र यादव ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए लंगर चला रहे है. उन्होंने द वायर से आंदोलन की शुरुआत के साथ अब तक अपने अनुभव को साझा किया.
वीडियो: हाल ही में आई किताब ‘द एंगर ऑफ सेंटली मैन’ गुड़गांव में रह रहे एक परिवार के माध्यम से भारतीय पुरुषत्व की पड़ताल करती है. किताब की लेखिका अनुभा यादव से दामिनी यादव की बातचीत.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ‘बेलगाम' सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के नाम पर सरकार मीडिया को मिली संवैधानिक सुरक्षा को छीन नहीं सकती है. गिल्ड ने इस बात को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है कि इन नियमों के तहत सरकार को असीमित शक्तियां दे दी गई हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आए नौ मंत्रियों के समूह द्वारा तैयार 97 पन्नों के दस्तावेज़ का मक़सद मीडिया में मोदी सरकार की छवि को चमकाना और स्वतंत्र मीडिया को चुप कराना है. बताया गया है कि यह रिपोर्ट सरकार समर्थक कई संपादकों और मीडियाकर्मियों के सुझावों पर आधारित है.
अनुचित तरीके से बनाए गए नए सोशल मीडिया नियम समाचार वेबसाइट्स को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ खड़ा करते हैं. इन्हें वापस लिया ही जाना चाहिए.
वीडियो: पश्चिम बंगाल में किस प्रकार के चुनावी समीकरण देखने को मिल सकते हैं, कौन-कौन सी समस्याएं हैं, कौन-कौन से मुद्दे हैं, क्या यह लड़ाई सिर्फ़ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच में ही है? इन मुद्दों पर राजनीतिक शोधकर्ता सज्जन कुमार से द वायर के पोलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद की बातचीत.
वीडियो: मीडिया में सरकार की छवि को चमकाने और स्वतंत्र पत्रकारिता का दमन करने के लिए मोदी सरकार के मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट का खुलासा हुआ है. इस मुद्दे पर द कारवां के पोलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कारवां पत्रिका ने नौ मंत्रियों के एक समूह की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 2020 के मध्य में इन सभी ने स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को प्रभावहीन बनाने के लिए ख़ाका तैयार किया था. इसमें ऐसे लोगों को ख़ामोश करने की योजना बनाई गई थी, जो सरकार के ख़िलाफ़ ख़बरें लिख रहे हैं या उसका एजेंडा नहीं मान रहे हैं.