शक्ति परीक्षण के लिए नहीं पहुंचे नगालैंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू. विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित.
सरकार ने चुपके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसका सीधा फ़ायदा अडानी समूह को पहुंचा.
याकूब मेमन को क्षमादान देने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने के आरोप पर गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा, मृत्युदंड के मामले में वे महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं.
जन गण मन की बात की 84वीं कड़ी में विनोद दुआ देश के अब तक के राष्ट्रपतियों और युवा नेताओं पर चर्चा कर रहे हैं.
गोवा विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि बीफ़ की कमी से बचने के लिए दूसरे राज्यों से बीफ़ आयात के विकल्प खुले हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने यह कहते हुए राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे दिया है कि उन्हें दलितों से जुड़े मुद्दे उठाने का समय नहीं दिया जा रहा है. पढ़िए सदन में उनका पूरा भाषण...
उत्तर प्रदेश सरकार ने सदन में बताया, 15 मार्च से नौ मई के बीच प्रदेश में लूट की 799, अपहरण की 2682 और डकैती की 60 वारदातें हुईं.
इस्तीफ़े से ठीक पहले संसद में कहा था कि 'मैं जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही. मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए. मैं अभी इससे इस्तीफ़ा देती हूं.'
उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश आधार योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिया. आरोप है कि आधार योजना निजता के मौलिक अधिकार का अतिक्रमण करती है.
अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने एक ट्वीट कर कहा, मुझे गोरे और सुंदर लोगों के साथ फिल्म में नहीं लिया जा सकता क्योंकि मैं सांवला हूं और सुंदर नहीं दिखता.
बसपा प्रमुख मायावती इस्तीफा देने की बात करते हुए सदन से बाहर चली गईं. उनके समर्थन में कांग्रेस सदस्यों ने भी वॉकआउट किया.
चारा घोटाले में दोषी पाए गए लालू के साथ गठबंधन बनाते समय नीतीश का भ्रष्टाचार विरोधी छवि का ख्याल कहां चला गया था. 2015 के बाद बिहार में घटी हर छोटी-बड़ी घटना को लेकर लालू-नीतीश की इस सियासी दोस्ती पर सवाल उठे, लेकिन नीतीश ने चुप्पी साध रखी थी.
साक्षात्कार: सेंसर बोर्ड अध्यक्ष के रूप में पहलाज निहलानी का ढाई साल का कार्यकाल कई तरह के विवादों में रहा. उनसे बातचीत.
महागुन सोसाइटी में हुई मज़दूर वर्ग की हिंसा तो नज़र आती है मगर इस सोसाइटी में रहने वाले संपन्न तबके द्वारा इन मज़दूरों पर की जा रही हिंसा किसी को दिखाई नहीं पड़ती.
कानून मंत्रालय द्वारा कराए एक अध्ययन में कहा गया है कि पीड़िता का ही बयान आने में औसतन आठ महीने का वक्त लग जाता है.