ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर असफल रहने पर उच्च न्यायालय ने योगी सरकार से कड़ी नाराज़गी जताई थी.
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि भगवा सकारात्मकता का प्रतीक है. यह भगवान का तोहफ़ा है.
लक्ज़री ट्रेनों में यात्रा के लिए मुफ़्त में टिकट देने के लिए संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे की खिंचाई की.
कर्नाटक पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले, कांग्रेस पार्टी देश के लिए एक बोझ... एक समस्या बन गई है.
एडिटर्स गिल्ड ने आधार डेटा चोरी को लेकर दर्ज प्राथमिकी वापस लेने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की.
उत्तर प्रदेश में विधायक सरकारी खजाने से गरीबों को कंबलों के साथ सरकारी स्कूलों के छात्रों को जूते-मोजे और स्वेटर भी बांट रहे हैं. मगर इस अदा से जैसे उनकी बड़ी अनुकंपा कि जनवरी में बांट दे रहे हैं वरना मार्च-अप्रैल में बांटते तो कोई क्या कर लेता?
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
इस ख़बर में दावा किया गया था कि एक 'एजेंट' की मदद से मात्र 500 रुपये खर्च कर के किसी भी व्यक्ति के बारे में आधार से जुड़ी सभी निजी जानकारी हासिल की जा सकती है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एक जनवरी की हिंसा के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी जिम्मेदार नहीं हैं.
कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.
डिजिटल युग में नौकरी दो स्तर पर होगी. उच्चतम कौशल वाली और निम्नतम मज़ूदरी वाली. बहुत से दफ्तरों में सर छिपा कर काम करने वाले बीच के काबिल लोग ग़ायब हो जाएंगे. बल्कि हो भी रहे हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.
विशेष सीबीआई अदालत ने क़ैद के साथ 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया.
महिला सांसदों ने ट्रेनों में उनके सामान की चोरी का मामला राज्यसभा में उठाया. सरकार ने स्वीकार किया कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खानपान संबंधी नौ हज़ार शिकायतें मिलीं.
गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर ख़ालिद ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों को नकारा.