बोर्ड ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक बात है कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक का मसौदा तैयार करने से पहले किसी भी मुस्लिम संस्था या किसी भी मुस्लिम विद्वान से कोई राय-मशविरा नहीं किया.
सिविल अदालत के फैसले से इस बात की पुष्टि हो गई कि द वायर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट जनहित में की गई अभिव्यक्ति की आज़ादी के तहत न्यायसंगत है.
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भारत में पत्रकारों की हत्या की निंदा करते हुए ऐसी घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर की है.
भाजपा विधायकों की बैठक में लिया गया निर्णय. मंडी ज़िले के सेराज से विधायक ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार बने हुए थे.
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि शिक्षित होना और सशक्त होना अलग-अलग बाते हैं. सशक्त व्यक्ति ग़लत मान्यताओं और परंपराओं के ख़िलाफ़ खड़ा होना जानता है.
राजस्थान सरकार द्वारा आवश्यक सेवाएं रखरखाव अधिनियम लागू कर 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य के डॉक्टरों की हड़ताल का एम्स के डॉक्टरों ने समर्थन किया.
थियानमेन चौक नरसंहार के 28 साल से भी ज़्यादा समय बाद यह दस्तावेज़ सार्वजनिक किया गया. यह दस्तावेज़ ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्ज़ में पाया गया.
जयंती विशेष: हिंदी के लोग अब आम तौर पर लेखक और पत्रकार पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी को न याद करते हैं, न ही उनकी पत्रिका ‘विशाल भारत’ को. यहां तक कि उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भी उन्हें याद नहीं किया जाता.
इंक़लाब की बेटी ने कहा कि उनके पिता सरकार और बुद्धिजीवियों द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में बिल्कुल विश्वास नहीं करते थे. अगर वे जीवित होते तो इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं करते.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को दृष्टिहीन छात्रों का पुनर्वास करने का आदेश दिया.
पश्चिम बंगाल सरकार ने परेड के लिए अपनी झांकी का विषय ‘एकता ही भाईचारा’ रखने का प्रस्ताव दिया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, शायद इसीलिए हमें बाहर कर दिया गया.
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी. राजद प्रमुख लालू यादव सहित 16 लोग दोषी क़रार. तीन जनवरी को विशेष सीबीआई अदालत सुनाएगी सज़ा.
गुजरात दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमनाथ मंदिर में पूजा की. भाजपा ने राहुल पर सत्ता पाने के लिए घटिया बयानबाज़ी करने का आरोप लगाया.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह क्यों जानना चाहती कि लोग कौन-सी दवा खाते हैं या कौन-सा सिनेमा देखते हैं. नारायणमूर्ति ने कहा कि वह चिदंबरम से सहमत नहीं.