जन गण मन की बात की 224वीं कड़ी में विनोद दुआ सूचना के अधिकार अधिनियम के सफ़र पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय से चर्चा कर रहे हैं.
परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान की मौत का ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज करने की भी मांग की.
सीजेआई दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामलों के आवंटन के संबंध में दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि सीजेआई कार्यालय के पास विशेष अधिकार हैं.
जन गण मन की बात की 223वीं कड़ी में विनोद दुआ आॅनलाइन मीडिया पर अंकुश लगाने की सरकार की तैयारी और कावेरी जल विवाद पर चर्चा कर रहे हैं.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 30 अन्य गायें बीमार पड़ गई हैं जिनका इलाज चल रहा है.
वर्ष 2016-17 में देश के सात राष्ट्रीय दलों ने कुल 1,559.17 करोड़ रुपये की आय घोषित की. भाजपा की आय सबसे ज़्यादा 1,034.27 करोड़ रुपये रही, जो कुल राशि का 66.34 प्रतिशत है.
लावा कंपनी के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनसे 12 घंटे काम कराया जाता है, इसके बावजूद उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं.
उत्तर प्रदेश के नगीना क्षेत्र से भाजपा के दलित सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अदालतों में दलित समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस कारण अदालतें उनके अधिकारों को ख़त्म कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 222वीं कड़ी में विनोद दुआ अरुण जेटली और सदन में गतिरोध पर चर्चा कर रहे हैं.
अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की भी शिकायत की है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में आशंका जताई है कि दिल्ली में एफसीआई गोदामों से राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है.
लोकसभा में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि साल 2014 से 2016 के दौरान ऋण, दिवालियापन एवं अन्य कारणों से क़रीब 36 हज़ार किसानों एवं कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की.
स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं रही. आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लेने का उनका कोई इतिहास नहीं है इसीलिए वो समाजवाद के इतिहास को भी मिटाना चाहते हैं.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, '2013 में जब संप्रग की सरकार केंद्र की सत्ता में थी तो उन्होंने लिंगायत और वीरशैवों को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया था. उस वक्त सिद्दारमैया चुप क्यों थे? यह हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.'
एक खाप पंचायत अध्यक्ष ने कहा है, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे. हम वेदों को मानते हैं और वेदों में सगोत्रीय विवाहों को अनुमति नहीं दी गई है. एक ही गांव में रह रहे लोग भाई-बहन होते हैं, वे पति-पत्नी कैसे बन सकते हैं?'