बीएसएफ और एनसीआरबी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वर्षों में भारत छोड़ते हुए पकड़े गए बांग्लादेश के नागरिकों की संख्या अवैध तरह से देश में प्रवेश करने वालों की संख्या से दोगुनी रही है.
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दाख़िल की गईं नई याचिकाओं में कहा गया है कि इस क़ानून में मुस्लिम वर्ग को स्पष्ट रूप से अलग रखना संविधान में प्रदत्त मुसलमानों के समता और पंथनिरपेक्षता के अधिकारों का हनन है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने सीएए और एनआरसी को भारत का आंतरिक मुद्दा बताते हुए कहा कि हमारा डर है कि अगर भारत में अनिश्चितता की कोई स्थिति होती है तो इसका असर उसके पड़ोसियों पर भी पड़ सकता है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा है कि भारत के पास अगर वहां अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की सूची है तो हमें दे, उन लोगों को वापस लिया जाएगा. लेकिन अगर हमारे नागरिकों के अलावा कोई बांग्लादेश में घुसता है तो हम उसे वापस भेज देंगे.