मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ‘मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश, 2019’ को मंज़ूरी दी, जिसके तहत अब नगरीय निकायों के महापौर व अध्यक्षों का चुनाव जनता नहीं करेगी. इसी कदम का अनुसरण राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने भी किया है.
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव के दौरान कई जगह ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है. कानपुर और मेरठ में लोगों ने हंगामा किया.
यूपी में 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों के लिए नवंबर में तीन चरणों में होंगे चुनाव. अपने चुनाव चिह्न पर उतरेंगे सभी प्रमुख दल.
लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस को मिली राजनीतिक संजीवनी, भाजपा छह सीटों पर सिमटी, शिवसेना को एक सीट मिली.
दोनों प्रमुख विपक्ष वाम और कांग्रेस एकसाथ मिलकर महज छह सीट जीत सके. भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन भी उत्साहजनक नहीं रहा.