बिहार में इन दिनों घट रहीं सियासी घटनाएं बता रही हैं कि भाजपा और जदयू के बीच 2013 के पहले जैसा तालमेल था, वैसा अब नहीं रहा और इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन की उम्र भी बहुत लंबी नहीं रहने वाली है.
आपातकाल कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि सत्ता के अतिकेंद्रीकरण, निरंकुशता, व्यक्ति-पूजा और चाटुकारिता की निरंतर बढ़ती गई प्रवृत्ति का ही परिणाम थी. आज फिर वैसा ही नज़ारा दिख रहा है. सारे अहम फ़ैसले संसदीय दल तो क्या, केंद्रीय मंत्रिपरिषद की भी आम राय से नहीं किए जाते, सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री की चलती है.
मीडिया बोल की 55वीं कड़ी में उर्मिलेश मॉब लिंचिंग की घटनाओं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता वाले सहकारी बैंक में नोटबंदी के बाद सर्वाधिक रकम जमा होने पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.
जसोदा बेन साबरमती आश्रम से निकली ‘भारत-पाक मैत्री एवं शांति यात्रा’ में शामिल हुईं और कहा, ‘इन यात्रियों को मैं बधाई देती हूं जो विश्व शांति चाहते हैं. मैं भी भगवान से प्रार्थना करती हूं इन यात्रियों की प्रार्थना कुबूल हो.’
स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस के पोते आशीष रे ने कहा कि 1995 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अवशेष लाने की एक कोशिश की थी , लेकिन वे काम पूरा नहीं कर पाए.
बैंक में गड़बड़ी न होने की नाबार्ड की सफ़ाई से साफ़ है कि इस संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे समय जब सरकारी संस्थाएं और मीडिया चुप हों तो जनता को आगे आना चाहिए.
शिवसेना ने कहा है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा कोई नई नहीं है. भाजपा ने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसी का वादा किया था.
यदि धार्मिक आधार पर हम राष्ट्रीयता तय करेंगे तो देश में एक बहुत बड़ी खाई पैदा हो जाएगी जिसकी वजह से भारत की प्रगति में बाधा आएगी.
मुंबई के मनोरंजन ए रॉय ने आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने से लेकर 14 नवंबर तक अहमदाबाद ज़िला सहकारिता बैंक में 745 करोड़ और राजकोट के ज़िला सहकारिता बैंक में 693 करोड़ जमा हुए.
एक आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद 5 दिन के अंदर अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक में तकरीबन 750 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा हुई, जो किसी सहकारी बैंक में जमा हुई सर्वाधिक राशि है.
अगर जम्मू कश्मीर में तीन साल के भाजपा-पीडीपी गठबंधन का हासिल यह है कि वहां कट्टरपंथ, आतंक और हिंसा का राज हो गया है तो अब राज्यपाल शासन में, जो कायदे से मोदी सरकार का ही शासन होगा, कौन सा चमत्कार हो जाएगा.
जन गण मन की बात की 262वीं कड़ी में विनोद दुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और जम्मू कश्मीर पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 1,000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन भारत में 11,082 की आबादी पर एक डॉक्टर है. देश में पांच लाख डॉक्टरों की कमी है. एम्स जैसे संस्थानों में पढ़ाने वाले डॉक्टर शिक्षकों की 70 फीसदी कमी है. इस हक़ीक़त पर पर्दा डालने के लिए योग का प्रोपेगैंडा करना ही होगा.
विद्यार्थियों के पाठ्येत्तर गतिविधियों में ‘संतों-महात्माओं’ के प्रवचनों को शामिल करने का राजस्थान सरकार का ताज़ा निर्देश संविधान के कई अहम प्रावधानों को नज़रअंदाज़ करता दिखता है.
जन गण मन की बात की 261वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने और पानी की कमी पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.