भारतीय संविधान के 70 साल पूरे होने के अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाली हस्तियों ने रविवार को एक पत्र जारी कर स्पष्ट सवाल किया कि क्या ‘संविधान सिर्फ प्रशासन चलाने की नियमावली है?
बीते 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता क़ानून और नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के ख़िलाफ़ हो रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें 100 लोग घायल हुए थे.
कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में चार मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें नागरिकता कानून, एनआरसी के विरोध को दबाने की सरकार की कोशिश, देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति, जम्मू कश्मीर में सरकार की पाबंदी के छह महीने पूरे होने और खाड़ी में ईरान और अमेरिका के बीच विवाद की वजह से बन रहे हालात शामिल हैं.
नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुई सभा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ नहीं हो रहा है और आरोपी अब माफी मांग रहे हैं.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसके खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में देशभर में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से कम से कम 21 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई है.
नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में महिलाओं एवं बच्चों समेत हज़ारों लोग दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हें हटाने के लिए दायर याचिका में कहा गया है कि 14 दिसंबर, 2019 से शुरू हुआ प्रदर्शन कई लाख वाहनों को प्रभावित कर रहा है, जिन्हें इस मार्ग से नहीं गुजरने दिया जा रहा है.
नागरिकता क़ानून को लेकर 2003 और उसके बाद हुई बहस में न केवल कांग्रेस और वाम बल्कि भाजपा नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने भी धार्मिक रूप से प्रताड़ित शरणार्थियों को लेकर धर्म के आधार पर भेदभाव न करने की पैरवी की थी.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस विषय पर जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
पत्र में पूर्व नौकरशाहों की ओर से कहा गया है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी व्यर्थ की कवायद है, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कतें होंगी, सार्वजनिक व्यय होगा. बेहतर होगा कि उसे गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की लाभकारी योजनाओं पर ख़र्च किया जाए.
अहमदाबाद के एक निजी स्कूल द्वारा पांचवी से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन क़ानून पर बधाई और समर्थन देने के लिए पोस्टकार्ड लिखने को कहा गया था. अभिभावकों के इसका विरोध करने के बाद स्कूल प्रशासन ने माफ़ी मांगते हुए बच्चों द्वारा लिखे पोस्टकार्ड वापस कर दिए.
नागरिकता संशोधन कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, 'देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए.'
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि क़ानून जनता को डराने और उनकी आवाज़ दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के लिए होता है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीते 15 दिसंबर को नागरिकता कानून और नई दिल्ली स्थित जामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें 100 लोग जख्मी हो गए थे.
न्यायालय ने उन न्यूज़ रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य की स्थिति संवैधानिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है.
दिल्ली के लाजपत नगर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली के दौरान दो महिलाओं ने अपने फ्लैट की बालकनी से एक बैनर लहराया, जिस पर, शेम, सीएए, एनआरसी, जयहिंद, आजादी और नॉट इन माई नेम लिखा था.