आगरा के पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे थे. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया था.
देश के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की ख़रीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है. इन अस्पतालों ने टीकों की ख़रीद के लिए एक उचित तंत्र और एकल खिड़की प्रणाली स्थापित किए जाने की मांग की है.
पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे हैं. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कोविशील्ड की एक खुराक की अधिकतम कीमत 780 रुपये जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक के लिए 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की एक खुराक की कीमत 1,145 रुपये तय की. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि ज़्यादा शुल्क वसूले जाने पर निजी टीकाकरण केंद्रों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए.
उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित पारस अस्पताल का मामला. अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोरोना मरीज़ों की ऑक्सीजन बंद करने की बात कह रहे हैं. यह घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई.
मई महीने में केंद्र द्वारा वैक्सीन पॉलिसी में संशोधन किए जाने और इसे बाज़ार के लिए खोलने के बाद वैक्सीन की कुल 1.20 करोड़ खुराक में से 60.57 लाख नौ निजी अस्पतालों ने खरीदी हैं. बाकी पचास फीसदी टीके भी अधिकतर शहरों में बने 300 अस्पतालों द्वारा खरीदे गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ निजी अस्पताल कुछ होटलों के साथ मिलकर कोविड टीकाकरण के लिए पैकेज दे रहे हैं, जो राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए जारी दिशानिर्देशों के विपरीत है.
घटना ठाणे के समीप मुंब्रा इलाके में स्थित प्राइम क्रिटिकेयर हॉस्पिटल की है, जहां बुधवार तड़के आग लग गई. बताया गया है कि अस्पताल में कोई कोरोना संक्रमित मरीज़ नहीं था. स्थानीय विधायक जितेंद्र अव्हाड ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है.
महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी. मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
ट्विटर पर दिल्ली में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को लेकर कई लोगों ने पोस्ट किए हैं. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों में बिस्तरों की कमी नहीं है और कोविड मरीज़ों के लिए अब भी 5,000 बेड उपलब्ध हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि बड़े पैमाने पर बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए प्रयास जारी हैं.
घटना नागपुर में वाडी इलाके के वेल ट्रीट अस्पताल में शुक्रवार रात को आग लग गई. घटना के समय अस्पताल में 31 मरीज़ भर्ती थे, हादसे में कुछ लोग घायल हुए हैं. पुलिस के अनुसार यह मूल रूप से एक ग़ैर कोविड-19 अस्पताल है, लेकिन कुछ कोविड रोगी भी भर्ती थे, पर मृतकों में से किसी को भी कोविड होने की सूचना नहीं है.
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में हो रही वृद्धि के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने फिलहाल लॉकडाउन लागू करने की संभावना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि झुग्गियों की अपेक्षा अपार्टमेंट्स में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए वहां पार्टियों या आयोजनों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चार अगस्त 2020 के आदेश में परिवर्तन करते हुए यह बात कही हैं. उस आदेश में शीर्ष न्यायालय ने कोरोना वायरस के जोख़िम को देखते हुए बुज़ुर्ग लोगों को भर्ती एवं इलाज में प्राथमिकता देने का निर्देश केवल सरकारी अस्पतालों को दिया था.
इससे पहले अगस्त महीने में अहमदाबाद के एक निजी कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने के बाद आठ कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई थी.
हाईकोर्ट दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अनुरोध किया गया है कि कोरोना के मामलों में वृद्धि के मद्देनज़र कम से कम 15 दिनों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोविड-19 मरीज़ों के लिए आरक्षित करने का उसे अधिकार हो.