वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बजट को जनविरोधी बताते हुए कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की सृष्टि श्रीवास्तव से बातचीत.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
कर्मचारी संघों का कहना है कि अगर सरकार अपने इस फैसले पर आगे बढ़ती है तो एलआईसी के विभिन्न कर्मचारी संगठन देशभर में प्रदर्शन करेंगे. इनका आरोप है कि इस क़दम से करोड़ों बीमाधारक प्रभावित होंगे.
लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2019-2020 में सीबीआई को 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में घटाकर 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोज़गारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को मौजूदा दौर में अर्थव्यवस्था की सभी चुनौतियों का समाधान देने वाला बताया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2020-21 के दौरान 10 फीसदी की दर से जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों की तुलना में केंद्र का बजट ज़्यादा पारदर्शी होता है. हालांकि केंद्र स्तर पर भी अभी भी कई ज़रूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और कर्ण सिंह को परिषद के सदस्य पद से हटाते हुए पिछले साल नवंबर में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी का पुनर्गठन किया था.
फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने के लिए छात्रों के 60 संगठनों तथा कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. ट्रेड यूनियनों ने जेएनयू में हिंसा तथा अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में इसी तरह की घटनाओं की आलोचना की है.
रविवार को देर शाम जेएनयू में बड़ी संख्या में बाहर से आए नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया. इस दौरान जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत कई छात्रों और शिक्षकों को गंभीर चोटें आईं.
जेएनयू परिसर में रविवार देर रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलानी पड़ी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वॉट्सऐप मैसेज इस ओर इशारा करते हैं कि जो लोग नकाब पहनकर जेएनयू कैंपस में घुसे थे वे एबीवीपी के नेता और कार्यकर्ता हो सकते हैं.
बैंकों के विलय और उनके निजीकरण के खिलाफ देशभर के बैंकों के संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों से विशाल जायसवाल की बातचीत.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो यह यकीन नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे. इस बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.