उत्तर प्रदेश की भदोही पुलिस ने बताया कि वाराणसी निवासी गायिका ने आरोप लगाया है कि निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा ने साल 2014 में उन्हें अपने यहां एक कार्यक्रम में बुलाया था और उनके साथ बलात्कार किया था. साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी.
गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा-बसपा को साथ लाने का दावा करने वाली पीस पार्टी शिवपाल यादव की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने 17 लोकसभा सीटों अपने प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन किसी भी सीट पर सफलता तो दूर वह ठीक-ठाक प्रदर्शन करने के प्रति भी आश्वस्त नहीं है.
विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.
संत कबीर नगर से सांसद शरद त्रिपाठी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. त्रिपाठी पिछले महीने संत कबीर नगर में एक बैठक के दौरान ज़िले की मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश बघेल को जूते से पीटने के बाद चर्चा में आए थे.
विशेष रिपोर्ट: पिछले उपचुनाव में गोरखपुर से मिली हार के चलते पूरे देश में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट अब पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे अधिक चिंता की सीट बन गई है.
लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा में शामिल होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
एक समाचार चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद ने लोकसभा चुनाव में काला धन ख़र्च करने की बात स्वीकार की और इस चुनाव में भी काले धन के इस्तेमाल से उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि निषाद पार्टी से सपा का गठबंधन टूटने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? भाजपा से निषाद पार्टी का गठजोड़ न तो निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पसंद आ रहा है और न भाजपाइयों को.
समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से राम भुवाल निषाद को बनाया अपना प्रत्याशी. निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख के मुताबिक, समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश की महराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था.
लोकसभा चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने सूरतगढ़ में एक सभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: गोरक्षपीठ को निषादों का बताने वाले संजय उन चंद लोगों में हैं, जो गोरखपुर में रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी को दंगा करने वाला, मुसलमानों, दलितों, अति पिछड़ों और निषादों पर अत्याचार करने वाला ‘संगठित गिरोह’ बताते रहे हैं.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: मार्च 2017 के बाद यूपी की राजनीति में नए बदलाव की जो धीमी आवाज़ें उठ रही थीं, उसे सुना नहीं गया. ये आवाज़ें इस चुनाव में बहुत मुखर थीं लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया. अब जब उसने अपना असर दिखा दिया, तो सभी हैरान हैं.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: लगातार जीत से अति-आत्मविश्वास की शिकार भाजपा के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं रह गया है. दोनों उपचुनाव शुरू से ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं क्योंकि यहां के प्रतिकूल परिणाम उसे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.