स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन ‘काला’ हुआ करता था वो 49 महीनों में ‘सफेद’ हो गया है.
भारतीयों की स्विस बैंकों में जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर मोदी सरकार ने सफाई दी है. जहां अरुण जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरक़ानूनी नहीं है, तो वहीं पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गयी उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है.
वीडियो: डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट और नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे में 50 प्रतिशत के इज़ाफ़े पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
जन गण मन की बात की 267वीं कड़ी में विनोद दुआ स्विस बैंक में भारतीयों के बढ़ते धन, निकी हेली की भारत यात्रा और मगहर में मोदी के भाषण पर चर्चा कर रहे हैं.
नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों का पैसा 50 प्रतिशत बढ़ गया है. ज़रूरी नहीं कि स्विस बैंक में रखा हर पैसा काला ही हो लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि यह किसका और कैसा पैसा है?
स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन में 13 साल में सबसे अधिक वृद्धि. मोदी सरकार के चौथे साल में स्विस बैंक में भारतीयों का धन 7,000 करोड़ रुपये पहुंचा.
मीडिया बोल की 55वीं कड़ी में उर्मिलेश मॉब लिंचिंग की घटनाओं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता वाले सहकारी बैंक में नोटबंदी के बाद सर्वाधिक रकम जमा होने पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.
बैंक में गड़बड़ी न होने की नाबार्ड की सफ़ाई से साफ़ है कि इस संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे समय जब सरकारी संस्थाएं और मीडिया चुप हों तो जनता को आगे आना चाहिए.
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा नेताओं पर सवाल उठाती किसी ख़बर को न्यूज़ वेबसाइट्स ने बिना कारण बताए हटाया है.
मुंबई के मनोरंजन ए रॉय ने आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने से लेकर 14 नवंबर तक अहमदाबाद ज़िला सहकारिता बैंक में 745 करोड़ और राजकोट के ज़िला सहकारिता बैंक में 693 करोड़ जमा हुए.
एक आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद 5 दिन के अंदर अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक में तकरीबन 750 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा हुई, जो किसी सहकारी बैंक में जमा हुई सर्वाधिक राशि है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की टीम का हिस्सा रहे शिवम शंकर सिंह कहते हैं, ‘मैं 2013 से भाजपा का समर्थक था क्योंकि नरेंद्र मोदी देश के लिए उम्मीद की किरण की तरह लगते थे और मुझे उनके विकास के नारे पर विश्वास था. अब वो नारा और उम्मीद दोनों जा चुके हैं.’
नोटबंदी के फ़ैसले के बाद से अर्थव्यवस्था के और अधिक वित्तीयकरण के प्रयासों का परिणाम होगा कि आगे किसी भी वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को ज़्यादा चोट पहुंच सकती है.
मोदी सरकार द्वारा बीते चार सालों में बदलाव के बड़े दावों के साथ शुरू की गईं विभिन्न योजनाएं कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर पाने में नाकाम रही हैं.
उपचुनाव परिणाम बता रहे हैं कि अब जुमलों से काम नहीं चलने वाला.