दो पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि 2016 में झारखंड के ‘गोसेवा आयोग’ के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति का समर्थन करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के रिश्तेदारों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया था. रावत उस वक्त झारखंड में भाजपा के इंचार्ज थे.