बांदीपोरा के स्वतंत्र पत्रकार सज्जाद गुल ने एक तहसीलदार द्वारा एक गांव में कथित अवैध निर्माण हटाने और ग्रामीणों के प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप पर एक रिपोर्ट लिखी थी. गुल ने कहा कि इसके बाद तहसीलदार ने बदले की भावना से उनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की और उन पर मामला दर्ज करवाया.
बीते जून में एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड के एक शख़्स ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर और उनकी पत्नी के खाते में पैसे जमा कराए थे. हाईकोर्ट ने इस संबंध में पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर भी रद्द कर दी है.
पत्रकार ने एक फेसबुक पोस्ट में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाए थे. इसके बाद राजद्रोह सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था.
राजस्थान के पाली ज़िले में पुलिस हिरासत में मज़दूर नेता की मौत का मामला. पत्रकार का कहना है कि उन्होंने मज़दूर नेता की मौत का मामला उठाया, इसलिए पुलिस उन्हें निशाना बना रही है.