मंटो नूरजहां को लेकर कहते थे, 'मैं उसकी शक्ल-सूरत, अदाकारी का नहीं, आवाज़ का शैदाई था. इतनी साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ आवाज़, मुर्कियां इतनी वाज़िह, खरज इतना हमवार, पंचम इतना नोकीला! मैंने सोचा अगर ये चाहे तो घंटों एक सुर पर खड़ी रह सकती है, वैसे ही जैसे बाज़ीगर तने रस्से पर बग़ैर किसी लग्ज़िश के खड़े रहते हैं.'
एसपीबी के नाम से लोकप्रिय एसपी बालासुब्रमण्यम अगस्त से कोविड-19 संक्रमित होने के बाद से चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थे. छह बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़े गए बालासुब्रमण्यम ने अपने पांच दशक से अधिक के करिअर में विभिन्न भाषाओं के चालीस हज़ार से अधिक गीत गाए थे.