नेपाल में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नई सरकार बनाने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा के कम से कम 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है. दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, दोनों ने ऐसे कुछ सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था, जिनके नाम उन दोनों की सूची में शामिल थे.
नेपाली सदन में बीते 10 मई को केपी शर्मा ओली के विश्वास मत हार जाने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा था. हालांकि नेपाली कांग्रेस तथा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन-मॉएस्ट सेंटर) का विपक्षी गठबंधन बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा, जिसके बाद ओली के एक बार फिर नेपाल का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था.
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे केपी शर्मा ओली के लिए इसे एक और झटका माना जा रहा है. सितंबर 2015 में लागू किए गए नए संविधान ने बाद यह पहला मौका है, जब कोई सरकार विश्वास मत हार गई है. इस निर्णय के बाद ओली को राष्ट्रपति के सामने अपना इस्तीफ़ा देना होगा, जिसके बाद नई सरकार बनाने पर विचार किया जाएगा.
बीते साल 20 दिसंबर को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 275 सदस्यों वाले संसद के निचले सदन को भंग करने की मंज़ूरी दी थी. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले पर रोक लगाते हुए सरकार को अगले 13 दिनों के अंदर सदन का सत्र बुलाने का आदेश दिया है.
बीते रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने संसद भंग करने को मंज़ूरी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर रिट याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद ओली नीत सरकार को इस संबंध में लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार सुबह हुई मंत्रिमंडल की आपात बैठक में संसद भंग करने की सिफ़ारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने मंज़ूरी दे दी. राष्ट्रपति ने 30 अप्रैल को पहले चरण और 10 मई को दूसरे चरण का मध्यावधि चुनाव कराए जाने की घोषणा की. तय समय के अनुसार वहां 2022 में चुनाव होना था.
नेपाल के केबल ऑपरेटर्स ने कहा कि उन्होंने भारत के निजी समाचार चैनलों का प्रसारण इसलिए रोका है क्योंकि वे नेपाल की राष्ट्रीय भावनाओं को आहत करने वाली ख़बरें दिखा रहे थे.
नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा भारत पर उन्हें हटाने की साज़िश रचने का आरोप लगाना न तो राजनीतिक तौर ठीक है न ही कूटनीतिक तौर पर.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारतीय मीडिया, बुद्धिजीवियों और सरकार पर उनकी सरकार गिराने की साज़िश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर आप दिल्ली के मीडिया को सुनेंगे तो आपको संकेत मिल जाएगा.
सत्तारूढ़ दलों के बीच बनी सहमति के आधार पर शेर बहादुर देउबा देश के नए प्रधानमंत्री हो सकते हैं.